कामिनी भाग 23
जैसे ही चेतन पारुल के पास सोता है, पारुल अपने सीने पर हाथ रखकर, फुर्ती से चौक कर उठती है, उसे भयभीत देखकर चेतन ने पूछा
"अरे डर क्यों रही हो"? "क्या हुआ"?
"सर,,,,मुझे बहुत डर लग रहा है"!पारुल ने बताया
"डर लग रहा है तो मुझसे चिपक कर सो जाओ"! चेतन ने कहा
"सर,,,,आप ही से तो डर लग रहा है, आप चुड़ैल के साथ कांड करके आए हो, मेरे साथ भी करोगे क्या"? पारुल ने पूछा
"तुम,,,सच में पागल हो, तुम,,,,इतने दिनों से मेरे साथ काम कर रही हो, क्या मैंने कभी तुम्हारे साथ, ऐसी वैसी हरकत की, कभी तुम्हें छेड़ा,,कभी तुम्हें छुआ,,,अरे मैंने तो कभी तुम्हें,,,वैसी नजर से देखा भी नहीं है,,,तुमने,,,मेरी अच्छाई और मेरी शराफत पर इतना घटिया इल्जाम लगाकर, मुझे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है ओर आज मुझे अपनी ही नजरों में गिरा दिया है "! चेतन अफसोस जताते हुए कहा
"सॉरी सर,,,,वो क्या है कि पहले आप,,,मुझे बहुत अच्छे लगते थे,में आपकी दिवानी थी, मुझे,, आपके करीब रहना पसंद था पर आज आपने, चुड़ैलों के साथ कांड करके, मुझे हर्ट किया है और सुबह आप उनसे शादी भी कर लेंगे, अपना घर बसा लेंगे, बच्चे-बच्ची भी पेदा कर लेंगे,,,मेरा क्या होगा,,,आपने कभी सोचा है,,,दिन-रात पारुल,,,,पारुल,,,करते फिरते हो, मेरे साथ रहते हो, मेरे साथ खाते पीते हो, मेरे साथ काम करते हो और रात को सोते भी मेरे साथ हो पर शादी चुड़ैल के साथ कर रहे हो,,,आप बहुत बड़े खुदगर्ज हो,,मैं,,,आपसे नाराज हूं"!पारुल ने मुंह फेरते हुए कहा
"मैं सीबीआई ऑफिसर,,,चेतन चुड़ैल हूं और तुम,,,मेरी असिस्टेंट हो,,,हम यहां रहस्यमय मर्डर मिस्ट्री का केस सॉल्व करने रहे हैं,,,यह चुड़ैलों के साथ कांड करना, उनसे शादी करना,,,सब दिखावा है,,हमारे केस का एक हिस्सा है,,,तुम इतनी समझदार होकर,,,बेवकूफ जैसी बातें कर रही हो,,,,मैं यहां कोई चुड़ेलन के साथ एश अय्याशी करने नहीं आया हूं,,,जब मैं उन चुडे़लो के साथ, सब कुछ करके भी उन्हें,,सीरियसली नहीं ले रहा हूं तो तुम क्यों सीरियसली ले रही हो और रही बात, तुम्हारे अरमानों की तो तुम्हारी उम्र ही क्या है,,,,तुम अभी कच्ची कली हो"! चेतन ने समझाते हुए कहा
"सर,,,,मैं कोई कच्ची कली नहीं हूं,आपकी आंखों का इलाज कराओ, मैं खिला हुआ गुलाब हूं,,,जिस पर रोज भंवरे मंडरा रहे हैं पर मुझे सिर्फ,,,चेतन चुड़ैल नाम का भंवरा पसंद है"! पारुल ने अपने दिल की बात इशारे में कहीं और अपनी छाती से दुपट्टा हटाकर,,,अपने कठोर उभरे हुए स्तन,,चेतन चुड़ैल को दिखाएं
चेतन ने पहली बार पारुल को नीचे से ऊपर तक ध्यान से देखा और उसे देखकर, उसके मन में कई अरमान जाग उठे,,,वह प्यासी पारूल के जस्बातो को समझ गया,,,तब चेतन ने कहा
"पारूल,,,,तुम्हारी बात में दम है"! चेतन ने पारूल के आम जैसे उभरे सुडोल,,फिगर देखते हुए कहा
"मेरी बात में ही दम नहीं है, मुझ में भी बहुत दम है,आपकी असिस्टेंट पारूल,,,देसी नहीं,,अंग्रेजी रम है"! पारुल ने अपने होंठ काटते हुए कहा
चेतन,,,पारुल की बात का मर्म समझ लेता है,,,वह उसके योवन की पीड़ा और पारूल उसे किस हद तक चाहती है,,यह भी जान लेता है, इसीलिए उसने पारुल का दुपट्टा,,,उसकी छाती पर ओड़ाया और उसके,,दोनों कंधों पर हाथ रखकर,,,उसे प्यार से समझाते हुए कहा
"पारूल,,,बहुत नाजुक समय चल रहा है,,थोड़ा संभल जाने दो,,,कल इस कामीनी नाम के अध्याय और इसके सारे रहस्य का अंत होने वाला है और हमारी कहानी का आगाज होने वाला है, मैं,,अपने सारी थकान खत्म करने के लिए, एक खूबसूरत नींद चाहता हूं"! चेतन ने कहा
चेतन की बात को समझते हुए, पारूल ने चेतन को अपनी ओर खींचकर,उसका सर,,,अपनी गोद में रखा और उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरने लगी और उसके बालों में अपनी उंगलियां डालकर, उसे नींद की थपकी देने लगी, अपनत्व का यह भाव,,,चेतन को अच्छा लगा और वह संतुष्ट होकर सो गया, चेतन सोया ही था और पारुल ने पहली बार, अपने प्रेमी के सिर को अपनी गोद में रखकर, प्यार की शुरुआत ही की है और उसने आंख बंद करके, इस स्पर्श को महसूस किया,तभी पारुल के कानों में भयानक, भेड़िये की आवाज आई
पारुल ने अपनी आंखें खोली और देखा हूं,,,उसके सामने भेड़िए पर सवार होकर,,,कामिनी खड़ी है,,,कामिनी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है और वह बहुत गुस्से में है,,, कामिनी किसी गुस्सेगुस्सेल नागिन की तरह,,,अपने फेफड़ों में हवा भर भर कर लंबी-लंबी सांस ले रही है और अपनी जहरीली आंखों से पारुल की ओर देख रही है,,,यह देखकर पारुल ने कहा
"सर,,,,सर,,,उठो"!
चेतन ने उठकर देखा तो वह कामिनी को देखकर,आश्चर्य में पढ़ गया, क्योंकि कामिनी ने कभी,,नदी पार नहीं की है
तभी कामिनी बोली
"मुझसे,,,,प्रेम में छल करना, अपनी मौत को निमंत्रण देना है, अभी कुछ देर पहले ही तुम,,,मेरे और मेरी सखी रात्रि से समागम करके आए हो,,,तब भी तुम्हारी वासना शांत नहीं हुई,,,मैंने अपने इतने बड़े जीवन में तुमसे बड़ा बेशर्म और हवस से भरा पुरुष नहीं देखा,,,तुमने,,,मुझे धोखा देकर,,,बहुत बड़ी भूल की है,,,अब मैं,,,तुम्हें और तुम्हारी इस नवीन प्रेमिका को नहीं छोडूंगी,,,तुम दोनों मरने के लिए तैयार हो जाओ,,,, मैंने अपने जीवन में अपने प्रेमियों के हृदय निकाल कर तो बहुत खाए हैं पर कभी, अपने ने प्रेमी की प्रेमिका का हृदय, निकाल कर नहीं खाया है,,आज यह करने का अवसर मिला है, आज इस सुंदर कन्या को मेरे प्रकोप से कोई नहीं बचा पाएगा"! कामिनी ने गुस्से से कहा
"क्या चेतन चुड़ैल,,,,कामिनी के क्रोध से पारुल को बचा पाएगा"?
" आखिर कैसे मनाएगा चेतन चुड़ैल, ,,क्रोधित कामिनी को या वह समझौता करके,,,पारुल की बली चढ़ाएगा"?
"आखिर किस से सच्चा प्रेम करता है,,चेतन चुड़ैल,,,,कामिनी,,,रात्रि या पारुल से"?
" क्या चेतन चुड़ैल,,,इस कहानी के सभी रहस्यों को सुलझा पाएगा या खुद ही रहस्य बन जाएगा"?
अपने सभी द्वंद्व और प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए पढ़ते रहिए कामिनी एक अजीब दास्तां
अगर यह कहानी आपको अच्छी लग रही है तो इसे सपोर्ट कीजिए और उन्हें भी इस कहानी के बारे में बताएं,,,जिन्हें पढ़ना पसंद है,,,,,, हर लेखक किसी भी कहानी को इसीलिए लिखता है कि उसे कोई पड़े,,,मेरा भी यही उद्देश्य है पर मेरे दुर्भाग्य के कारण,,,मुझे पाठक नहीं मिल रहे हैं,,, इसीलिए लेखन से मेरी रुचि धीरे-धीरे समाप्त हो रही है अगर आपको मुझ में एक अच्छा लेखन दिखाई देता है तो प्लीज मेरा सपोर्ट कीजिए धन्यवाद
मेरे सभी पाठकों को दिल से धन्यवाद और बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏🙏
kashish
17-Dec-2023 09:19 AM
Amazing
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Mohammed urooj khan
16-Dec-2023 12:37 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
16-Dec-2023 10:20 AM
👌👏
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